Tuesday, June 9, 2020

COVID 19 महामारी बुरा दौर आना अभी बाकी : बरतें ये सावधानियाँ

        देश में कोरोना महामारी को आये चार महीने से अधिक हो चले हैं! पहला कोरोना केस 30 January 2020 को केरला में सामने आया था. और स्थिति ज्यूँ-ज्यूँ बिगड़ती जा रही है हम त्यूँ-त्यूँ अपनी सावधानियों में कमी करते जा रहे हैं!! जब कोरोना संक्रमितों की संख्या सैकड़ों में थी तो हम ऐसे बर्ताव कर रहे थे जैसे हर दूसरा करोना पीड़ित हो! अब जबकि संख्या लाखों में हैं और हर दूसरे व्यक्ति के करोना संक्रमित होने की पूरी सम्भावना है तो हम कुछ यूँ पेश आ रहे हैं जैसे की लगता है करोना वाइरस lockdown खुलते ही लम्बी छुट्टी पर चला गया हो!!

इस वक्त सर्वाधिक संयम, सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता है।
  1. घर से बाहर जब भी निकलें मास्क लगा कर ही निकलें
  2. जब तक बाहर रहें मास्क लगाए रहें।
  3. मास्क सही आकार का हो और उसे सही प्रकार से लगाएँ |(नाक और मुँह पूरी तरह से ढका हो)
  4. यह भली-भाँति समझ लें कि मास्क केवल आपकी सुरक्षा के लिए नहीं है...अपितु आप से अधिक आपके सम्पर्क में आने वाले अन्य लोगों को सुरक्षित रखने का साधन है! अतः एक दूसरे की सुरक्षा का सदैव ध्यान रखें!
  5. छोटा हैंड sanitiser सदैव अपने साथ रखें! और समय समय पर अपने हाथों को sanitise करते रहें या साबुन-पानी की सुविधा उपलब्ध हो तो 20-30 सेकंड तक अपने हाथों को धोएँ! हाथ धोने की विधि YouTube पर सर्च करें! देखने के लिए यहाँ क्लिक करें !
  6. Sanitiser का प्रयोग करते समय भी उसे हाथों पर मलने का तरीका वही हो जो साबुन मलते समय होता है | कहने का तात्पर्य यह है की जैसे साबुन हाथों के सभी भाग में अच्छी तरह से लगाते हैं उसी प्रकार sanitiser भी हाथों पर अच्छी तरह लगा कर ही उसे डिसइंफेक्ट/ sanitize करना चाहिए!
  7. साबुन से हाथों को धोना, sanitizer से हाथों को sanitize करने की तुलना में corona वायरस से बचाव में कहीं ज्यादा प्रभावी है! अतः जहाँ तक संभव हो और सुविधा यदि उपलब्ध हो साबुन-पानी से ही हाथों को धोयें !
  8. घर वापस आने पर अपने जूते या चप्पल घर के बाहर ही रखें या उनके रखने का स्थान सुनिश्चित कर सदैव वहीं रखें उनका उपयोग घर में बिल्कुल भी ना करें!
  9. सामाजिक दूरी बनाए रखना केवल औपचारिकता भर नहीं है अपितु वर्तमान समय में महत्वपूर्ण आवश्यकता है| इस महामारी से बचने का उपाय हमारे द्वारा नित्य-प्रति बरती जाने वाली सावधानियों में ही निहित हैं!
  10. दफ्तर में बार बार उपयोग किये जाने वाली या छूई जाने वाली वस्तुओं जैसे Mouse, keyboard, मेज़, कुर्सी का हत्था, दरवाजे/ दराज़ के हैंडल आदि को नियमित अंतराल पर दिन में कई बार sanitize करें या करवायें |
  11. दफ्तर में भोजनावकाश के दौरान साथ बैठ कर खाना खाने की आदत को फिलहाल छोड़ दें | लिफ्ट का प्रयोग कम से
    कम करें सीढ़ियों का प्रयोग करें और चढ़ते उतरते समय सामाजिक दूरी बनाये रखें | अगर लिफ्ट का प्रयोग अपरिहार्य है तो लिफ्ट में उतने ही लोग एक बार में जाएँ जितने में सामाजिक दूरी बानी रहे! लिफ्ट में जब खड़े हों तो लिफ्ट की दिवार की ओर मुँह कर लें : एक दूसरे की ओर मुँह कर ना खड़े हों !
  12. यहाँ-वहाँ न थूकें : अच्छा तो यह होगा की बहार कभी भी न थूकें ! 
  13. तनावमुक्त रहें | तनाव हमारी रोग प्रतिरोधक छमता को कम करती है | इसके लिए नियमित योगाभ्यास करें, ध्यान करें, अपने परिवार जन - सगे सम्बन्धियों एवं अपने मित्रों से बातचीत करें | मज़ाक करें | हसें | हास्य तनाव को काम करती है और हमारी इम्मुनिटी को बढ़ने में मददगार होती है |
  14. पानी ख़ूब पियें और नियमित समय पर भोजन करें। भोजन करना कभी भी ना भूलें या skip करें। नियमित फल खाएँ (कोई भी फल)! 7-8 घंटे की नींद प्रतिदिन लेवें-ये सब आपकी प्रतिरोधक छमता को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं!
  15. अगर घर में एक ही शौचालय हो तो इस बात का ध्यान रखें कि संदिग्ध लक्षणों वाले मरीज द्वारा शौचालय के प्रयोग के फ़ौरन बाद शौचालय का प्रयोग न करें. मरीज के शौचालय प्रयोग के बाद एक्सहॉस्ट पंखा अवश्य चलाएँ ! अगर एक से अधिक शौचालय की सुविधा हो तो सुनिश्चित करें कि उनमें से एक का प्रयोग केवल मरीज़ ही करे !
  16. फ्लश करने से पहले शौचालय का ढक्कन (sheet cover) ढक दें ! फ्लश की प्रक्रिया एयरोसोल (हवा में तैरती रह सकने वाली अति-सूक्ष्म पानी की बूँदें) उत्पन्न कर सकती हैं जिसमें COVID 19 के विषाणु हो सकते हैं क्यूँकि कुछ अध्यनों में यह पाया गया है की COVID 19 के विषाणु का मरीज़ के मल में कई हफ़्तों तक निर्वहन होता रहता है!
  17. COVID 19 बिमारी के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश, गले में दर्द, खाँसी (मुख्यतः सूखी), स्वास में तकलीफ, बैठे बैठे या थोड़े श्रम से स्वास का फूलना या चढ़ जाना, सर दर्द, बदन दर्द, कमजोरी महसूस होना, सूंघने की या स्वाद महसूस करने की छमता में कमी आदि के आने पर बिलकुल न घबराएँ ! लगभग 80 प्रतिशत मामले मामूली लक्षणों के साथ स्वतः ही ठीक हो जाते हैं! केवल 15 - 20 प्रतिशत मामले में अस्पताल जाने की आवश्यकता पड़ सकती है.. 
  18. कुछ चीजें जो आप अपने स्तर पर कर सकते हैं:
    1. नियमित रूप से गुनगुना तरल जैसे गुनगुना पानी, नींबू वाली चाय, अदरख वाली चाय, ग्रीन टी, काढ़ा आदि लेते रहें | शरीर में पानी की कमी ना होने दें! 
    2. गुनगुने पानी में नमक डाल कर दिन में तीन-चार बार गरारे करें!
    3. पूर्ण विश्राम करें | COVID 19 बीमारी में मुख्यतः स्वशन तंत्र प्रभावित होता है! फेफड़ों की हवा से ऑक्सीजन सोख कर हमारे खून में पहुँचाने की छमता प्रभावित हो जाती है.. जो की पल्स ऑक्सीमीटर से नापने पर हमारे ऑक्सीजन संतृप्तता (SpO2) में कमी के तौर पर दर्शाता है! हमारी प्रत्येक गतिविधी के लिए हमारी मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है ! अतः हम जितना कम से कम गतिविधि करेंगे उतनी कम ऑक्सीजन की आवश्यकता हमें होगी !
    4. अगर सुविधाजनक हो तो पेट के बल (Prone) हो कर लेटें:
      https://erj.ersjournals.com/content/early/2020/05/22/13993003.01198-2020
      यह हमारे फेफड़ों से खून में ऑक्सीजन जाने की कुशलता (efficiency) बढ़ता है! अगर ऐसा न संभव हो तो दायें या बायें करवट भी लेट सकते हैं अन्यथा पीठ के बल लेटें ! 
    5. विटामिन C की 500 mg की गोली सुबह शाम लें | आप संतरे मौसमी आदि जैसे फल खा कर भी विटामिन C की जरूरत पूरी कर सकते हैं! (लगभग 7 से 10  फल प्रतिदिन!)
    6. बुखार या बदन में दर्द के लिए पेरासिटामोल (PCM) की गोली हर 6 घंटे पर ली जा सकती है... 
    7. मास्क का प्रयोग, सामाजिक दूरी बनाये रखना, हाथों की साफ़ सफाई का समुचित ध्यान रखना तथा तब तक अपने आप को घर में सबसे अलग रखना जब तक कि COVID 19 बिमारी ना होने की पुष्टि न हो जाये या आप पुनः स्वस्थ नहीं हो जाते, अत्यंत महत्वपूर्ण है !

स्वस्थ रहें! सुरक्षित रहें!

डॉ. विराट कुंतलम
वरिष्ट चिकित्सा अधिकारी
न. दि. न. पा. प. (NDMC)
https://twitter.com/viraat_k
wanna say something anonymously to me CLICK HERE :-)

2 comments:

Anjana said...

Truly Said..when the Covid positive case numbers were in 2 digit figure we went for a lockdown, saying "be at home. Dont go out. Its dangerous." And now , when the cases are in 6 digits, we are being advised to be "आत्मनिर्भर". Entire crisis management planning and decision seemed to me, a classic example of system failure.
Well, thanks for explaining and guiding us in detail. The only thing that i feel need to be considered is 'social distancing'. Since beginning, we have read, felt and lived in a social community, we follow the principle of 'वसुधैव कुटुम्बकम'. And all of a sudden, the very idea of social distancing or this social isolation was implemented which adversely affected the mental well being of the people. Its like a double attack on society, at large. People have become terrified. They pass each other on the road without exchanging a smile. (I know, its difficult to do when you are wearing a mask.) This may lead to stress or other mental illness. Solitary confinement is considered as a punishment to human being. Isolating individuals may keep us alive but not mentally well, specially those who are alone. Even in present situation, we are trying to be in touch with each other, trying to help those people out, who really are struggling for life. We are doing all these, while maintaining a 'physical distance'. 'Physically apart but socially together'.Each of us need an extra dose of being together amid pandemic to win this battle.

Unknown said...

धन्यवाद, बहुत अच्छा एवम् जरूरी जानकारियां. बहू अच्छे से सरल भाषा में समझाया गया। कृपया ऐसे ही ब्लॉग लिखते रहें.

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