Saturday, June 27, 2020

यादों में...


यादों में...
(Written BY my MOTHER in loving memory of my FATHER)

"कभी सोचा न था, दिन ऐसे भी आएँगे..

जो समझती थी खुद को रानी,
वो यूँ मज़बूर एक दिन हो जाएगी.!
गुम हो जाएगी होठों की मुस्कराहट,
पूनम की चाँदनी भी नज़र न आएगी..
बाट जोहती थी जिसकी सदा,
दर्शनाभिलाषी ही रह जाएगी सदा..

पल में जो करते थे सारी ईच्छा पूरी,
कभी सोचा न था होगी इतनी मज़बूरी...
दूँ कितनी भी आवाज़, बुला ना पायेंगे,
मन को कितना भी समझाऊँ भुला न पाएंगे..
सोचा न था, दिन ऐसे भी आएँगे...

आयीं कितनी सारी खुशियाँ..
बिन आपके वे होंगी फीकी,
बीती यादों के मृदु-एहसास से,
हो जैसे भी मन जायेंगीं अब,
बैसाखी, होली, दशमी, दिवाली सब..  

प्रण कर आयी थी अमरीका,
चुस्त करूंगी काया अपनी..
नित्य टोकते जिस योग के लिए,
वो भी अब कर दिखलाऊँगी...
पर हाय! नियति ने क्या रंग दिखलाया,
टूटे सपने, बिखरे सब अरमान अधूरे..
चका-चौंध भी अब फीके दिखते,
नहीं कुछ अब मन को भाते..
दिन ऐसे भी आएँगे..कभी सोचा न था..

माँ-पिताजी दोनों गुज़रे,
भैया भी तो छोड़ गए..
आप ही का एक सहारा था..
इतनी जल्दी वह छिन जायेगा,
सोचा न था..
सोचा न था, कभी दिन ऐसे भी आएँगे..

हो लाख बड़ी मुश्किल लेकिन,
मिला समाधान हरदम तत्क्षण..
कहा था आपने छोड़ कर न यूँ जाओगे,
कभी झूठ न बोलने वाले, वादा यूँ झुठलाओगे..
सपनों में भी न सोचा था...
मना भी न पाऊँ कभी, यूँ रूठ जाओगे,
दिन ऐसे भी आएँगे.. कभी सोचा न था..

रानी थी मैं आपकी.. रानी ही रहूंगी..
स्नेहाशीष से आपकी, कर्त्तव्य सभी निभाऊँगी,
स्नेहिल-स्मृतियाँ सहेज हृदय में,
दायित्व सभी सहज ही निभाऊँगी ..
पर दिन ऐसे भी आएँगे कभी सोचा न था..
कभी सोचा न था.."
                            - आपकी रंजन💔
(Written BY my MOTHER in loving memory of my FATHER)

Thursday, June 25, 2020

माँ , अब तुम उदास हो दिखती...

माँ , अब तुम उदास हो दिखती... 

हँसती, मुस्काती, संकट में धीरज धरती,
हम सबको सम्बल देती माँ...
मुस्काती तो अब भी हो तुम
पर माँ, अब तुम उदास हो दिखती... 
                         
कल देखी थी वो तस्वीर 
जो तुमने 'स्टेटस' में लगाई थी
सब के संग तुम भी मुस्काई थीं..
या कहुँ कि मुस्काने की कोशिश थी!
पर नयन तुम्हारे अक़्सर ही माँ,
राज़-ओ-ग़म बयां कर देतें हैं 
हँसते-मुस्काते चेहरों में तुम
ग़म छुपाती दिखती माँ...  
हाँ, मुस्काती तो अब भी हो तुम  
पर माँ, अब तुम उदास हो दिखती...

माँ, ये जो ग़म के अँधियारे हैं न,
बस समय के ही जाये हैं.. 
सुख-दुःख सब बस जीवन -माया 
किसी ने खोया तो किसी ने पाया ..  
आँखें तू यूँ नम न कर 
बीती बातों का ग़म न कर..
आहत मन की मरहम कर..
माना वो अब नहीं रहे, पर
स्नेह-आशीष की छाया उनकी
अब भी हम पर बरसती माँ... 
उनके आदर्शों - सिद्धांतों पर चल 
आ जीवन सफल करें हम माँ..
 
थोड़ी हिम्मत तू रख माँ,
थोड़ी कोशिश हम करते हैं..
आ मिल कर हम-सब 
ग़म ये सारे बाँट लेते हैं...  
खुशियों के ये उजियारे माँ 
बस अब दूर नहीं हैं..
दो - चार कदम तू चल माँ 
कुछ फ़ासला हम तय कर लेंगे..
तू यूँ ही अपनी ममता बरसाना 
हम तेरी सेवा-पुण्य को अर्जें.. 
सफर ज़िन्दगी का ये हम 
हँसते - गाते तय कर लेंगे.. 
 
अब दिन-रात एक न करना तुम.. 
औरआँखें मत सुजाना तुम 
न ही तकिये और भिगोना तुम...
अबकी जब भी मुस्काना तुम,
दिल खोल खिलखिलाना भी तुम माँ..
दिल खोल खिलखिलाना भी तुम माँ ...!

विराट 
(Written for my Mother and in fond memory of my beloved father...)

Tuesday, June 9, 2020

COVID 19 महामारी बुरा दौर आना अभी बाकी : बरतें ये सावधानियाँ

        देश में कोरोना महामारी को आये चार महीने से अधिक हो चले हैं! पहला कोरोना केस 30 January 2020 को केरला में सामने आया था. और स्थिति ज्यूँ-ज्यूँ बिगड़ती जा रही है हम त्यूँ-त्यूँ अपनी सावधानियों में कमी करते जा रहे हैं!! जब कोरोना संक्रमितों की संख्या सैकड़ों में थी तो हम ऐसे बर्ताव कर रहे थे जैसे हर दूसरा करोना पीड़ित हो! अब जबकि संख्या लाखों में हैं और हर दूसरे व्यक्ति के करोना संक्रमित होने की पूरी सम्भावना है तो हम कुछ यूँ पेश आ रहे हैं जैसे की लगता है करोना वाइरस lockdown खुलते ही लम्बी छुट्टी पर चला गया हो!!

इस वक्त सर्वाधिक संयम, सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता है।
  1. घर से बाहर जब भी निकलें मास्क लगा कर ही निकलें
  2. जब तक बाहर रहें मास्क लगाए रहें।
  3. मास्क सही आकार का हो और उसे सही प्रकार से लगाएँ |(नाक और मुँह पूरी तरह से ढका हो)
  4. यह भली-भाँति समझ लें कि मास्क केवल आपकी सुरक्षा के लिए नहीं है...अपितु आप से अधिक आपके सम्पर्क में आने वाले अन्य लोगों को सुरक्षित रखने का साधन है! अतः एक दूसरे की सुरक्षा का सदैव ध्यान रखें!
  5. छोटा हैंड sanitiser सदैव अपने साथ रखें! और समय समय पर अपने हाथों को sanitise करते रहें या साबुन-पानी की सुविधा उपलब्ध हो तो 20-30 सेकंड तक अपने हाथों को धोएँ! हाथ धोने की विधि YouTube पर सर्च करें! देखने के लिए यहाँ क्लिक करें !
  6. Sanitiser का प्रयोग करते समय भी उसे हाथों पर मलने का तरीका वही हो जो साबुन मलते समय होता है | कहने का तात्पर्य यह है की जैसे साबुन हाथों के सभी भाग में अच्छी तरह से लगाते हैं उसी प्रकार sanitiser भी हाथों पर अच्छी तरह लगा कर ही उसे डिसइंफेक्ट/ sanitize करना चाहिए!
  7. साबुन से हाथों को धोना, sanitizer से हाथों को sanitize करने की तुलना में corona वायरस से बचाव में कहीं ज्यादा प्रभावी है! अतः जहाँ तक संभव हो और सुविधा यदि उपलब्ध हो साबुन-पानी से ही हाथों को धोयें !
  8. घर वापस आने पर अपने जूते या चप्पल घर के बाहर ही रखें या उनके रखने का स्थान सुनिश्चित कर सदैव वहीं रखें उनका उपयोग घर में बिल्कुल भी ना करें!
  9. सामाजिक दूरी बनाए रखना केवल औपचारिकता भर नहीं है अपितु वर्तमान समय में महत्वपूर्ण आवश्यकता है| इस महामारी से बचने का उपाय हमारे द्वारा नित्य-प्रति बरती जाने वाली सावधानियों में ही निहित हैं!
  10. दफ्तर में बार बार उपयोग किये जाने वाली या छूई जाने वाली वस्तुओं जैसे Mouse, keyboard, मेज़, कुर्सी का हत्था, दरवाजे/ दराज़ के हैंडल आदि को नियमित अंतराल पर दिन में कई बार sanitize करें या करवायें |
  11. दफ्तर में भोजनावकाश के दौरान साथ बैठ कर खाना खाने की आदत को फिलहाल छोड़ दें | लिफ्ट का प्रयोग कम से
    कम करें सीढ़ियों का प्रयोग करें और चढ़ते उतरते समय सामाजिक दूरी बनाये रखें | अगर लिफ्ट का प्रयोग अपरिहार्य है तो लिफ्ट में उतने ही लोग एक बार में जाएँ जितने में सामाजिक दूरी बानी रहे! लिफ्ट में जब खड़े हों तो लिफ्ट की दिवार की ओर मुँह कर लें : एक दूसरे की ओर मुँह कर ना खड़े हों !
  12. यहाँ-वहाँ न थूकें : अच्छा तो यह होगा की बहार कभी भी न थूकें ! 
  13. तनावमुक्त रहें | तनाव हमारी रोग प्रतिरोधक छमता को कम करती है | इसके लिए नियमित योगाभ्यास करें, ध्यान करें, अपने परिवार जन - सगे सम्बन्धियों एवं अपने मित्रों से बातचीत करें | मज़ाक करें | हसें | हास्य तनाव को काम करती है और हमारी इम्मुनिटी को बढ़ने में मददगार होती है |
  14. पानी ख़ूब पियें और नियमित समय पर भोजन करें। भोजन करना कभी भी ना भूलें या skip करें। नियमित फल खाएँ (कोई भी फल)! 7-8 घंटे की नींद प्रतिदिन लेवें-ये सब आपकी प्रतिरोधक छमता को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं!
  15. अगर घर में एक ही शौचालय हो तो इस बात का ध्यान रखें कि संदिग्ध लक्षणों वाले मरीज द्वारा शौचालय के प्रयोग के फ़ौरन बाद शौचालय का प्रयोग न करें. मरीज के शौचालय प्रयोग के बाद एक्सहॉस्ट पंखा अवश्य चलाएँ ! अगर एक से अधिक शौचालय की सुविधा हो तो सुनिश्चित करें कि उनमें से एक का प्रयोग केवल मरीज़ ही करे !
  16. फ्लश करने से पहले शौचालय का ढक्कन (sheet cover) ढक दें ! फ्लश की प्रक्रिया एयरोसोल (हवा में तैरती रह सकने वाली अति-सूक्ष्म पानी की बूँदें) उत्पन्न कर सकती हैं जिसमें COVID 19 के विषाणु हो सकते हैं क्यूँकि कुछ अध्यनों में यह पाया गया है की COVID 19 के विषाणु का मरीज़ के मल में कई हफ़्तों तक निर्वहन होता रहता है!
  17. COVID 19 बिमारी के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश, गले में दर्द, खाँसी (मुख्यतः सूखी), स्वास में तकलीफ, बैठे बैठे या थोड़े श्रम से स्वास का फूलना या चढ़ जाना, सर दर्द, बदन दर्द, कमजोरी महसूस होना, सूंघने की या स्वाद महसूस करने की छमता में कमी आदि के आने पर बिलकुल न घबराएँ ! लगभग 80 प्रतिशत मामले मामूली लक्षणों के साथ स्वतः ही ठीक हो जाते हैं! केवल 15 - 20 प्रतिशत मामले में अस्पताल जाने की आवश्यकता पड़ सकती है.. 
  18. कुछ चीजें जो आप अपने स्तर पर कर सकते हैं:
    1. नियमित रूप से गुनगुना तरल जैसे गुनगुना पानी, नींबू वाली चाय, अदरख वाली चाय, ग्रीन टी, काढ़ा आदि लेते रहें | शरीर में पानी की कमी ना होने दें! 
    2. गुनगुने पानी में नमक डाल कर दिन में तीन-चार बार गरारे करें!
    3. पूर्ण विश्राम करें | COVID 19 बीमारी में मुख्यतः स्वशन तंत्र प्रभावित होता है! फेफड़ों की हवा से ऑक्सीजन सोख कर हमारे खून में पहुँचाने की छमता प्रभावित हो जाती है.. जो की पल्स ऑक्सीमीटर से नापने पर हमारे ऑक्सीजन संतृप्तता (SpO2) में कमी के तौर पर दर्शाता है! हमारी प्रत्येक गतिविधी के लिए हमारी मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है ! अतः हम जितना कम से कम गतिविधि करेंगे उतनी कम ऑक्सीजन की आवश्यकता हमें होगी !
    4. अगर सुविधाजनक हो तो पेट के बल (Prone) हो कर लेटें:
      https://erj.ersjournals.com/content/early/2020/05/22/13993003.01198-2020
      यह हमारे फेफड़ों से खून में ऑक्सीजन जाने की कुशलता (efficiency) बढ़ता है! अगर ऐसा न संभव हो तो दायें या बायें करवट भी लेट सकते हैं अन्यथा पीठ के बल लेटें ! 
    5. विटामिन C की 500 mg की गोली सुबह शाम लें | आप संतरे मौसमी आदि जैसे फल खा कर भी विटामिन C की जरूरत पूरी कर सकते हैं! (लगभग 7 से 10  फल प्रतिदिन!)
    6. बुखार या बदन में दर्द के लिए पेरासिटामोल (PCM) की गोली हर 6 घंटे पर ली जा सकती है... 
    7. मास्क का प्रयोग, सामाजिक दूरी बनाये रखना, हाथों की साफ़ सफाई का समुचित ध्यान रखना तथा तब तक अपने आप को घर में सबसे अलग रखना जब तक कि COVID 19 बिमारी ना होने की पुष्टि न हो जाये या आप पुनः स्वस्थ नहीं हो जाते, अत्यंत महत्वपूर्ण है !

स्वस्थ रहें! सुरक्षित रहें!

डॉ. विराट कुंतलम
वरिष्ट चिकित्सा अधिकारी
न. दि. न. पा. प. (NDMC)
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यादों में...

यादों में... (Written BY my MOTHER in loving memory of my FATHER) "कभी सोचा न था, दिन ऐसे भी आएँगे.. जो समझती थी खुद को रानी, वो यूँ ...