Saturday, June 27, 2020

यादों में...


यादों में...
(Written BY my MOTHER in loving memory of my FATHER)

"कभी सोचा न था, दिन ऐसे भी आएँगे..

जो समझती थी खुद को रानी,
वो यूँ मज़बूर एक दिन हो जाएगी.!
गुम हो जाएगी होठों की मुस्कराहट,
पूनम की चाँदनी भी नज़र न आएगी..
बाट जोहती थी जिसकी सदा,
दर्शनाभिलाषी ही रह जाएगी सदा..

पल में जो करते थे सारी ईच्छा पूरी,
कभी सोचा न था होगी इतनी मज़बूरी...
दूँ कितनी भी आवाज़, बुला ना पायेंगे,
मन को कितना भी समझाऊँ भुला न पाएंगे..
सोचा न था, दिन ऐसे भी आएँगे...

आयीं कितनी सारी खुशियाँ..
बिन आपके वे होंगी फीकी,
बीती यादों के मृदु-एहसास से,
हो जैसे भी मन जायेंगीं अब,
बैसाखी, होली, दशमी, दिवाली सब..  

प्रण कर आयी थी अमरीका,
चुस्त करूंगी काया अपनी..
नित्य टोकते जिस योग के लिए,
वो भी अब कर दिखलाऊँगी...
पर हाय! नियति ने क्या रंग दिखलाया,
टूटे सपने, बिखरे सब अरमान अधूरे..
चका-चौंध भी अब फीके दिखते,
नहीं कुछ अब मन को भाते..
दिन ऐसे भी आएँगे..कभी सोचा न था..

माँ-पिताजी दोनों गुज़रे,
भैया भी तो छोड़ गए..
आप ही का एक सहारा था..
इतनी जल्दी वह छिन जायेगा,
सोचा न था..
सोचा न था, कभी दिन ऐसे भी आएँगे..

हो लाख बड़ी मुश्किल लेकिन,
मिला समाधान हरदम तत्क्षण..
कहा था आपने छोड़ कर न यूँ जाओगे,
कभी झूठ न बोलने वाले, वादा यूँ झुठलाओगे..
सपनों में भी न सोचा था...
मना भी न पाऊँ कभी, यूँ रूठ जाओगे,
दिन ऐसे भी आएँगे.. कभी सोचा न था..

रानी थी मैं आपकी.. रानी ही रहूंगी..
स्नेहाशीष से आपकी, कर्त्तव्य सभी निभाऊँगी,
स्नेहिल-स्मृतियाँ सहेज हृदय में,
दायित्व सभी सहज ही निभाऊँगी ..
पर दिन ऐसे भी आएँगे कभी सोचा न था..
कभी सोचा न था.."
                            - आपकी रंजन💔
(Written BY my MOTHER in loving memory of my FATHER)

Thursday, June 25, 2020

माँ , अब तुम उदास हो दिखती...

माँ , अब तुम उदास हो दिखती... 

हँसती, मुस्काती, संकट में धीरज धरती,
हम सबको सम्बल देती माँ...
मुस्काती तो अब भी हो तुम
पर माँ, अब तुम उदास हो दिखती... 
                         
कल देखी थी वो तस्वीर 
जो तुमने 'स्टेटस' में लगाई थी
सब के संग तुम भी मुस्काई थीं..
या कहुँ कि मुस्काने की कोशिश थी!
पर नयन तुम्हारे अक़्सर ही माँ,
राज़-ओ-ग़म बयां कर देतें हैं 
हँसते-मुस्काते चेहरों में तुम
ग़म छुपाती दिखती माँ...  
हाँ, मुस्काती तो अब भी हो तुम  
पर माँ, अब तुम उदास हो दिखती...

माँ, ये जो ग़म के अँधियारे हैं न,
बस समय के ही जाये हैं.. 
सुख-दुःख सब बस जीवन -माया 
किसी ने खोया तो किसी ने पाया ..  
आँखें तू यूँ नम न कर 
बीती बातों का ग़म न कर..
आहत मन की मरहम कर..
माना वो अब नहीं रहे, पर
स्नेह-आशीष की छाया उनकी
अब भी हम पर बरसती माँ... 
उनके आदर्शों - सिद्धांतों पर चल 
आ जीवन सफल करें हम माँ..
 
थोड़ी हिम्मत तू रख माँ,
थोड़ी कोशिश हम करते हैं..
आ मिल कर हम-सब 
ग़म ये सारे बाँट लेते हैं...  
खुशियों के ये उजियारे माँ 
बस अब दूर नहीं हैं..
दो - चार कदम तू चल माँ 
कुछ फ़ासला हम तय कर लेंगे..
तू यूँ ही अपनी ममता बरसाना 
हम तेरी सेवा-पुण्य को अर्जें.. 
सफर ज़िन्दगी का ये हम 
हँसते - गाते तय कर लेंगे.. 
 
अब दिन-रात एक न करना तुम.. 
औरआँखें मत सुजाना तुम 
न ही तकिये और भिगोना तुम...
अबकी जब भी मुस्काना तुम,
दिल खोल खिलखिलाना भी तुम माँ..
दिल खोल खिलखिलाना भी तुम माँ ...!

विराट 
(Written for my Mother and in fond memory of my beloved father...)

Tuesday, June 9, 2020

COVID 19 महामारी बुरा दौर आना अभी बाकी : बरतें ये सावधानियाँ

        देश में कोरोना महामारी को आये चार महीने से अधिक हो चले हैं! पहला कोरोना केस 30 January 2020 को केरला में सामने आया था. और स्थिति ज्यूँ-ज्यूँ बिगड़ती जा रही है हम त्यूँ-त्यूँ अपनी सावधानियों में कमी करते जा रहे हैं!! जब कोरोना संक्रमितों की संख्या सैकड़ों में थी तो हम ऐसे बर्ताव कर रहे थे जैसे हर दूसरा करोना पीड़ित हो! अब जबकि संख्या लाखों में हैं और हर दूसरे व्यक्ति के करोना संक्रमित होने की पूरी सम्भावना है तो हम कुछ यूँ पेश आ रहे हैं जैसे की लगता है करोना वाइरस lockdown खुलते ही लम्बी छुट्टी पर चला गया हो!!

इस वक्त सर्वाधिक संयम, सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता है।
  1. घर से बाहर जब भी निकलें मास्क लगा कर ही निकलें
  2. जब तक बाहर रहें मास्क लगाए रहें।
  3. मास्क सही आकार का हो और उसे सही प्रकार से लगाएँ |(नाक और मुँह पूरी तरह से ढका हो)
  4. यह भली-भाँति समझ लें कि मास्क केवल आपकी सुरक्षा के लिए नहीं है...अपितु आप से अधिक आपके सम्पर्क में आने वाले अन्य लोगों को सुरक्षित रखने का साधन है! अतः एक दूसरे की सुरक्षा का सदैव ध्यान रखें!
  5. छोटा हैंड sanitiser सदैव अपने साथ रखें! और समय समय पर अपने हाथों को sanitise करते रहें या साबुन-पानी की सुविधा उपलब्ध हो तो 20-30 सेकंड तक अपने हाथों को धोएँ! हाथ धोने की विधि YouTube पर सर्च करें! देखने के लिए यहाँ क्लिक करें !
  6. Sanitiser का प्रयोग करते समय भी उसे हाथों पर मलने का तरीका वही हो जो साबुन मलते समय होता है | कहने का तात्पर्य यह है की जैसे साबुन हाथों के सभी भाग में अच्छी तरह से लगाते हैं उसी प्रकार sanitiser भी हाथों पर अच्छी तरह लगा कर ही उसे डिसइंफेक्ट/ sanitize करना चाहिए!
  7. साबुन से हाथों को धोना, sanitizer से हाथों को sanitize करने की तुलना में corona वायरस से बचाव में कहीं ज्यादा प्रभावी है! अतः जहाँ तक संभव हो और सुविधा यदि उपलब्ध हो साबुन-पानी से ही हाथों को धोयें !
  8. घर वापस आने पर अपने जूते या चप्पल घर के बाहर ही रखें या उनके रखने का स्थान सुनिश्चित कर सदैव वहीं रखें उनका उपयोग घर में बिल्कुल भी ना करें!
  9. सामाजिक दूरी बनाए रखना केवल औपचारिकता भर नहीं है अपितु वर्तमान समय में महत्वपूर्ण आवश्यकता है| इस महामारी से बचने का उपाय हमारे द्वारा नित्य-प्रति बरती जाने वाली सावधानियों में ही निहित हैं!
  10. दफ्तर में बार बार उपयोग किये जाने वाली या छूई जाने वाली वस्तुओं जैसे Mouse, keyboard, मेज़, कुर्सी का हत्था, दरवाजे/ दराज़ के हैंडल आदि को नियमित अंतराल पर दिन में कई बार sanitize करें या करवायें |
  11. दफ्तर में भोजनावकाश के दौरान साथ बैठ कर खाना खाने की आदत को फिलहाल छोड़ दें | लिफ्ट का प्रयोग कम से
    कम करें सीढ़ियों का प्रयोग करें और चढ़ते उतरते समय सामाजिक दूरी बनाये रखें | अगर लिफ्ट का प्रयोग अपरिहार्य है तो लिफ्ट में उतने ही लोग एक बार में जाएँ जितने में सामाजिक दूरी बानी रहे! लिफ्ट में जब खड़े हों तो लिफ्ट की दिवार की ओर मुँह कर लें : एक दूसरे की ओर मुँह कर ना खड़े हों !
  12. यहाँ-वहाँ न थूकें : अच्छा तो यह होगा की बहार कभी भी न थूकें ! 
  13. तनावमुक्त रहें | तनाव हमारी रोग प्रतिरोधक छमता को कम करती है | इसके लिए नियमित योगाभ्यास करें, ध्यान करें, अपने परिवार जन - सगे सम्बन्धियों एवं अपने मित्रों से बातचीत करें | मज़ाक करें | हसें | हास्य तनाव को काम करती है और हमारी इम्मुनिटी को बढ़ने में मददगार होती है |
  14. पानी ख़ूब पियें और नियमित समय पर भोजन करें। भोजन करना कभी भी ना भूलें या skip करें। नियमित फल खाएँ (कोई भी फल)! 7-8 घंटे की नींद प्रतिदिन लेवें-ये सब आपकी प्रतिरोधक छमता को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं!
  15. अगर घर में एक ही शौचालय हो तो इस बात का ध्यान रखें कि संदिग्ध लक्षणों वाले मरीज द्वारा शौचालय के प्रयोग के फ़ौरन बाद शौचालय का प्रयोग न करें. मरीज के शौचालय प्रयोग के बाद एक्सहॉस्ट पंखा अवश्य चलाएँ ! अगर एक से अधिक शौचालय की सुविधा हो तो सुनिश्चित करें कि उनमें से एक का प्रयोग केवल मरीज़ ही करे !
  16. फ्लश करने से पहले शौचालय का ढक्कन (sheet cover) ढक दें ! फ्लश की प्रक्रिया एयरोसोल (हवा में तैरती रह सकने वाली अति-सूक्ष्म पानी की बूँदें) उत्पन्न कर सकती हैं जिसमें COVID 19 के विषाणु हो सकते हैं क्यूँकि कुछ अध्यनों में यह पाया गया है की COVID 19 के विषाणु का मरीज़ के मल में कई हफ़्तों तक निर्वहन होता रहता है!
  17. COVID 19 बिमारी के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश, गले में दर्द, खाँसी (मुख्यतः सूखी), स्वास में तकलीफ, बैठे बैठे या थोड़े श्रम से स्वास का फूलना या चढ़ जाना, सर दर्द, बदन दर्द, कमजोरी महसूस होना, सूंघने की या स्वाद महसूस करने की छमता में कमी आदि के आने पर बिलकुल न घबराएँ ! लगभग 80 प्रतिशत मामले मामूली लक्षणों के साथ स्वतः ही ठीक हो जाते हैं! केवल 15 - 20 प्रतिशत मामले में अस्पताल जाने की आवश्यकता पड़ सकती है.. 
  18. कुछ चीजें जो आप अपने स्तर पर कर सकते हैं:
    1. नियमित रूप से गुनगुना तरल जैसे गुनगुना पानी, नींबू वाली चाय, अदरख वाली चाय, ग्रीन टी, काढ़ा आदि लेते रहें | शरीर में पानी की कमी ना होने दें! 
    2. गुनगुने पानी में नमक डाल कर दिन में तीन-चार बार गरारे करें!
    3. पूर्ण विश्राम करें | COVID 19 बीमारी में मुख्यतः स्वशन तंत्र प्रभावित होता है! फेफड़ों की हवा से ऑक्सीजन सोख कर हमारे खून में पहुँचाने की छमता प्रभावित हो जाती है.. जो की पल्स ऑक्सीमीटर से नापने पर हमारे ऑक्सीजन संतृप्तता (SpO2) में कमी के तौर पर दर्शाता है! हमारी प्रत्येक गतिविधी के लिए हमारी मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है ! अतः हम जितना कम से कम गतिविधि करेंगे उतनी कम ऑक्सीजन की आवश्यकता हमें होगी !
    4. अगर सुविधाजनक हो तो पेट के बल (Prone) हो कर लेटें:
      https://erj.ersjournals.com/content/early/2020/05/22/13993003.01198-2020
      यह हमारे फेफड़ों से खून में ऑक्सीजन जाने की कुशलता (efficiency) बढ़ता है! अगर ऐसा न संभव हो तो दायें या बायें करवट भी लेट सकते हैं अन्यथा पीठ के बल लेटें ! 
    5. विटामिन C की 500 mg की गोली सुबह शाम लें | आप संतरे मौसमी आदि जैसे फल खा कर भी विटामिन C की जरूरत पूरी कर सकते हैं! (लगभग 7 से 10  फल प्रतिदिन!)
    6. बुखार या बदन में दर्द के लिए पेरासिटामोल (PCM) की गोली हर 6 घंटे पर ली जा सकती है... 
    7. मास्क का प्रयोग, सामाजिक दूरी बनाये रखना, हाथों की साफ़ सफाई का समुचित ध्यान रखना तथा तब तक अपने आप को घर में सबसे अलग रखना जब तक कि COVID 19 बिमारी ना होने की पुष्टि न हो जाये या आप पुनः स्वस्थ नहीं हो जाते, अत्यंत महत्वपूर्ण है !

स्वस्थ रहें! सुरक्षित रहें!

डॉ. विराट कुंतलम
वरिष्ट चिकित्सा अधिकारी
न. दि. न. पा. प. (NDMC)
https://twitter.com/viraat_k
wanna say something anonymously to me CLICK HERE :-)

Saturday, May 30, 2020

COVID Lockdown..what went wrong? - My point of view

#Lockdown What went wrong? - My perspective! 

        We went into lockdown too early probably and once we were in lockdown phase 1, we lacked the momentum/swiftness in tracing all the cases, their contacts and failed to isolate the symptomatic ones/ quarantine the asymptomatic ones well within time...and mind you by then the total no. of cases were in three figures only! Meanwhile we kept bringing stranded fellow Indians from foreign nations and let them go to their native places unrestricted! We should have made it mandatory to undergo 14 day quarantine (not home quarantine) for anyone who was travelling from abroad. After all corona virus didn't originate in India...It was clear from the begining that it has to come to India along with some foreign travellers returning home! 

        We ended/ eased the lockdown at the worst possible time! We did it when cases were still rising...it should have been when cases had at least plateaued or even better would have been when number of daily cases had started declining... Instead of containing and managing the spread of pandemic we unknowingly chose to spread it...by allowing people to migrate form one corner to another! We probably lost the resolve and buckled to the luring economic crisis...or probably got bored of staying home bound for too long...

        Issues of Migrant labourers should have been dealt in a better manner...we could have done better at this front! They could have been given daily/alternate day jobs near their residences after daily temp & symptoms screening... we could have repaired our roads in lockdown when roads were deserted or renovated our office buildings which were vacant etc ... similarly construction work could have been permitted after necessary precautions...thus creating fair daily wage job opportunities for them... all it would have taken was screening! This way the inhuman migration would have prevented and also most of the marginalised families would not have gone to the brink of starvation! We anyhow, started doing all these (at least most of these) now when we have cases in six figures!! But it easier said than done... 

        We are still far away from herd immunity (number wise)...even if mortality in our geographic region is relatively lesser than western world...we should not forget that we have a huge population base! Even 0.01 % (considering critically ill cases) would mean 1,35,000!! As on April 2020 we only have approx. 95000 ICU beds and approx. 47,500 vents (public + Private)*! So by the time we attain the herd immunity level theses resources can easily be used up if we let down all our guards! Therefore, it’s imperative for us to strictly observe the preventive measures. Given the prolonged recovery time associated with critically ill patients you can well imagine what a messy scenario it’s gonna be! 

Having said all the negative things, what we can do at our ends is simple! 

a) Observe social distancing, wear masks whenever in public and wash hands/ sanitise with >65% alcohol containing sanitiser whenever you have moved around in office and come back to your desk! This is the only proven scientific way to prevent SARS -CoV 2 infection which leads to COVID 19 disease in few cases (20-30%). 

b) Always assume that everyone is a potential corona carrier. This way you will be more likely  to stick to the precautions advocated. 

c) Remember that only portals of entry of corona virus are eyes, nose and mouth! So, avoid touching them when you are in public. 

d) Have healthy diet. Don’t skip meals (specially breakfasts). Have fruits and lots of proteins. They boosts your immunity. Have foods rich in vitamin C (amla, lemon, citrus fruits-oranges, sweet lime etc). 

e) Sleep well. Take at least 7-8hours of sleep daily. It not only helps your body to rejuvenate daily but also is essential  for optimal functioning of immune system apart from improving your longevity, apetite and memory altogether! 

f) Avoid chilled/cold foods and fluids. Sip Luke warm water frequently (hot water does no better!). Keep yourself hydrated

g) If you have been suffering from any chronic illnesses particularly diabetes or Hypertension, keep them in check, take your medicines regularly, maintain healthy life style...Walk! Walk for 30min daily in the park or in your society compound or on your rooftop or if none is possible you can do figure of 8 walking in your drawing room! (CLICK HERE to find out its benefits!) 

h) You can practise all things advocated by alternate system of medicines (AYUSH guidelines) - to a lesser or greater extent they will help you! 

i) Stay positive. 70-80% cases are going to be asymptomatic. There is 8 out of 10 chance that you might get infected with SARS CoV-2 and you will recover with minor flu like symptoms or may even not notice them as well. 

j) Sooner or later majority of us will get infected with Corona/ SARS CoV-2 virus! After all don’t forget, to attain herd immunity 70-80% population needs to get infected and recover! 

k) Be watchful of your symptoms (fever/cough/ headaches/body aches/ breathing difficulties/ shortness of breath etc...once you notice any of them isolate yourself from your near and dear ones (stay in one room, wear mask at all times, don’t allow anyone to come near you) and contact your doctor/ healthcare provider ASAP. 

यक़ीनन वक़्त बहुत बुरा है जनाब,
एहसास तो सबको ही कराएगा...
बात इससे भी च्छी यह है कि
हो जैसा भी यह गुज़र ही जाएगा..!” -unknown 

#Stay_Safe #Stay_Positive #COVID_Times_This too shall pass!

Dr. Virat Kuntalam
Senior Medical Officer
NDMC 

Tuesday, July 28, 2015

अर्द्धांगिनी, जीवन-संगिनी तुम..

"अर्द्धांगिनी, जीवन-संगिनी तुम..

मेरा आज तुम,
मेरा कल तुम,
मेरे रात और दिन भी तुम।

मेरी मुस्कुराहट में तुम..
मेरे दिल की हर आहट में तुम..
और मेरे व्यथित-मन की राहत भी तुम।

सुख-दुख की सहभागिनी तुम..
जीवन-संगिनी, अर्द्धांगिनी तुम।

मेरा धैर्य तुम,
और करती अधीर भी तुम..!
मेरा साहस तुम,
और मेरी बड़ी दुर्बलता भी तुम..!

मेरा आन तुम,
मेरा शान तुम,
रखती सबका मान तुम,
करती रिस्तों का सम्मान भी तुम।


मेरा भाग्य तुम,
मेरा सौभाग्य तुम,
क़िस्मत को जो कर दे बुलंद
मेरे हाथों की वो लकीर भी तुम..!

मेरी सहभागिनी, जीवन-संगिनी तुम.."
                                              -विराट्

Sunday, March 29, 2015

The Dangerous Habit of Living in Denial..


It hurts when we don't support, in what so ever way we can, the causes which have or can have greater impact on our society, our nation and our Home- The Blue Planet EARTH..!

Yesterday was world Earth Hour (28th March 2015 from 8:30pm-9:30pm local time). It's being promoted by WWF (World Wide Fund for Nature) every year since 2007 when it started in Australia as an awareness initiative against Global Warming.

All we had to do was Switch Off our all non essential lights for 1hour starting from 8:30 pm local time! But did we?
I didn't..because I forgot! And why I forgot?? probably because I didn't give it that much importance.

I was also hurt by the fact that we all have all the time to send/forward so many useless nonsense jokes/pranks on all social media sites. But, I don't remember seeing any regarding this important issue in my frnd circle..which disheartens me! 

We can't be aloof about climate change for long. Because it's inevitable.. unless we pledge to act now! 


"We are the first generation to feel the impact of climate change, and the last generation that can do anything about it!" -Barack Obama 


Sunday, March 15, 2015

6 Reasons why every 'arrogant' bachelor should Cook!

I started cooking (full-fledged cooking! I mean...I used to cook maggie and stuff like that earlier as well..) few months back - Last week of October or early November last year. Prior to that I have always been getting food cooked by some maid or was lucky enough to have with me my mummy or  my cousin who are expert at this art.  Last year in October my cousin shifted to her new house and I was having trouble finding maid for cooking due to my work timings and also due to the fact that I am a lone bachelor (will not be for very long though! ;) !! 

So, unwillingly though, I decided to cook myself. And today I can tell you this was one of my best decisions of my life. Learning to cook was a great fun. It also has given me great confidence and brought within me a kind of humbleness/ humility. Here is what all I have learnt from my experiences: 

1. Cooking is not EASY.

Yes, it's not at all easy! It's a full fledged work! And now that I have done it for a while I realise, what someone once said to me was absolutely right that a housewife's introduction shouldn't be "ye kuch nahi karti, ye housewife hain!" anymore. I've started cooking only few months back and I know this is not all that a housewives do...It's just one aspect of her daily chores but after having gone through this I must say it is indeed a very significant and demanding one. So in my view being a homemaker is not at all any lesser job than the so called fancy job of yours!


2. Cooking is not that "Big Deal" thing as well.

You also come to know this fact after you are in the kitchen for 2-4 weeks and after you have burnt few dishes and few fingers of yours as well, ruined some recepies and after you finally got the measure of salt and spices to be added to some particular dish you start to have this feeling that cooking might not be as simple as a walk in the park but its not a 'rocket science' as well. So, it's not a big deal after all.



3. Cooking is a Great Stress buster.

At least for me. It works. I think mainly because when you are naive at something you tend to focus bit more consciously to get things right as you are not used to these kind of work. So your all attention is on the job at hand only and not wandering all around in the universe...and after a period of an hour or so you really feel relaxed as your mind was doing what was in your control instead of worrying about things that may or may not be in your control. This brings happiness feeling of achieving something, specially when your chapatis puffs up like a big spotless sun-melon!!

4. Cooking makes you a multi-tasking expert.

Well, not from the day one I suppose. In fact, during initial days all I could do was just one thing at a time. If I was boiling milk I used to keep staring at the milk in the container until it got boiled and I have turned the gas off. And today, I can use all four burners of my gas simultaneously with different things cooking on each of them.  

5. Cooking reminds me of my Mom.

This I didn't know till few weeks back, although I was cooking for almost 4 months now! Very recently I think last to last week, when I was done with my kitchen's rituals and when I had rearranged all the stuffs to pre-cooking stage in my kitchen, I washed my hands and was checking my twitter account when I smelled my hands- in that very instant all I could remember was my mother - her hands too smelled exactly the same...! I belong to that generation of people and come from that family background where we didn't have the luxury of servants. My mom is a working lady. And she is a homemaker too. She used to cook and occasionally, feed the two of us (me and my brother Kunal) with her hands...! It was a priceless memory lost somewhere in my mesencephalon and I am glad that I have revived it and it was possible only because of cooking. 
PS: Now I never forget to smell my hands after cooking.!!

6. You can always Experiment/ innovate.

As long as you are bachelor and you are cooking for yourself alone or some 'chaddi-buddy' friends, you can experiment with whatever you are cooking whether be it cooking rice with few mint leaves in pressure cooker, cooking maggie with oregano seasonings with hint of garlic butter added right after turning off the gas (awesome) or cooking maggie with scrambled eggs (Awful- never try) and many more such things. And sometimes something amazing comes out of your experiments. So, while there is no one to judge you or rate your cooking keep experimenting and keep learning.

Dr. Virat Kuntalam (Follow me on Twitter @viraat_k)

यादों में...

यादों में... (Written BY my MOTHER in loving memory of my FATHER) "कभी सोचा न था, दिन ऐसे भी आएँगे.. जो समझती थी खुद को रानी, वो यूँ ...